इस्लामाबाद। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस यानी पीआईए के इंजीनियरों ने हड़ताल कर दी है। इंजीनियरों की हड़ताल के कारण पीआईए के विमानों को उड़ान से पहले जरूरी एयरवर्दीनेस सर्टिफिकेट नहीं मिल पा रहा। इससे सोमवार रात 8 बजे के बाद पीआईए की एक भी उड़ान नहीं हो सकी। पाकिस्तान से आई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंजीनियरों की हड़ताल के कारण एक दर्जन उड़ानें नहीं हो सकीं। इससे हजारों यात्री जगह-जगह एयरपोर्ट्स पर फंस गए। इनमें उमरा के लिए सऊदी अरब जाने वाले लोग भी शामिल हैं। पीआईए ने इंजीनियरों की हड़ताल को अवैध बताया है।
पाकिस्तान में एयरक्राफ्ट इंजीनियरों की सोसाइटी है। इसका नाम सोसाइटी ऑफ एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स ऑफ पाकिस्तान है। सोसाइटी ने बयान जारी कर कहा है कि उससे जुड़े इंजीनियर उसी वक्त काम पर लौटेंगे, जब पीआईए का सीईओ अपना रवैया बदलेगा। इंजीनियरों की सोसाइटी का आरोप है कि पीआईए का मैनेजमेंट दो महीनों से उनकी शिकायतों पर कुछ नहीं कर रहा। उनका कहना है कि बीते 8 साल से पीआईए इंजीनियरों की तनख्वाह नहीं बढ़ाई गई है। इसके अलावा सोसाइटी ने ये गंभीर आरोप भी लगाया है कि विमानों के स्पेयर पार्ट्स कम हैं। इसके बावजूद विमानों को एयरवर्दीनेस सर्टिफिकेट देने का दबाव डाला जा रहा है। सोसाइटी ने कहा है कि वो यात्रियों की सुरक्षा खतरे में नहीं डाल सकती।
एक तरफ पीआईए के इंजीनियर अपनी मांग मनवाने पर डटे हैं। दूसरी तरफ पीआईए के सीईओ ने कहा है कि ये हड़ताल जरूरी सेवा कानून 1952 के तहत गैरकानूनी है। पीआईए के सीईओ ने इंजीनियरों पर पलटवार करते हुए कहा है कि उनकी हड़ताल विमान कंपनी के निजीकरण की प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने के लिए है। पीआईए के सीईओ ने कहा है कि वो अन्य विमान कंपनियों के इंजीनियरों की सेवा लेकर उड़ानों को फिर शुरू करने की कोशिश कर रहा है। इससे पहले भी पीआईए कई बार अलग-अलग मुश्किलों में फंस चुका है। एयरपोर्ट फीस न चुकाने के कारण विदेश में पीआईए के विमानों को जब्त किए जाने की खबरें पहले आती रही हैं।

















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