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डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड पर एक्शन के लिए केंद्र सरकार ने बनाई हाई लेवल कमेटी

नई दिल्ली। देश में बढ़ते साइब्रर क्राइम और डिजिटल अरेस्ट के मामलों को गंभीरता से लेते केंद्र सरकार ने अब इन पर एक्शन के लिए एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय में तैनात इंटरनल सिक्योरिटी के सेक्रेटरी को इस कमेटी का प्रमुख बनाया गया है। यह हाईलेवल कमेटी डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड के मामलों की जांच की मॉनिटरिंग करेगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने हाईलेवल कमेटी में शामिल सदस्यों को ये निर्देश दिया है कि साइबर फ्रॉड करने वालों पर त्वरित कार्रवाई की जाए जिससे इस तरह के अपराधों पर लगाम लग सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने मन की बात कार्यक्रम में डिजिटल अरेस्ट से जुड़े मामलों का जिक्र किया था। माना जा रहा है कि इसी का नतीजा है जो गृह मंत्रलाय ने अब उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। आपको बता दें कि देश भर में अब तक डिजिटल अरेस्ट के 6 हजार से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। इन शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट जैसी घटनाओं में शामिल लगभग 6 लाख मोबाइल नंबर ब्लॉक किए गए हैं। इसके अलावा 700 से ज्यादा मोबाइए एप्स को भी ब्लॉक किया गया है जिनके माध्यम से लोगों के साथ डिजिटली धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया था।

साइबर फ्राड से संबंधित 3 लाख 25 हजार फर्जी बैंक खातों को भी फ्रीज करने का आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिया गया है। डिजिटल अरेस्ट में साइबर अपराधी पहले तो फोन करके पुलिस, सीबीआई, नारकोटिक्स या आरबीआई के अधिकारी बनकर लोगों को डराते हैं। इसके बाद जब वो इंसान डर जाता है और फ्रॉड करने वालों की बातों में आ जाता है तो उसे उस फर्जी समस्या से बचाने के लिए पैसों की डिमांड की जाती है। इसे ही डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है। आज कल इस तरह के बहुत सारे मामले सामने आ रहे हैं।