केवडिया (गुजरात)। पीएम नरेंद्र मोदी ने जाति के नाम पर विभाजन की कोशिश करने वालों और भारत के दुश्मनों पर जोरदार हमला बोला है। देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती पर गुजरात के केवडिया में उनको श्रद्धांजलि देने के बाद पीएम मोदी ने ऐसे तत्वों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज एकता की बात कहना गुनाह हो गया है। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतों को बहुत दिक्कत हो रही है। मोदी ने कहा कि विदेश और देश में ऐसी ताकतें गड़बड़ी करने की कोशिश में लगी हैं। मोदी ने कहा कि ऐसे लोग भारत की सेना को भी निशाना बनाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे अर्बन नक्सल गिरोह को पहचानना जरूरी है। उन्होंने ये भी कहा कि जो लोग संविधान का नाम लेते हैं, उन्होंने ही इसका अपमान किया है।
पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सफल चुनाव के जरिए वहां अलगाववादियों को जनता ने जवाब दे दिया है। उन्होंने अपनी सरकार के काम भी गिनाए और साफ संकेत दिए कि भले ही केंद्र में बीजेपी के पास अपने दम पर बहुमत नहीं है, लेकिन वो वन नेशन वन इलेक्शन और सेकुलर सिविल कोड लागू करने की दिशा में बढ़ेगी। मोदी के इस संकेत से साफ है कि संसद के शीतकालीन सत्र में उनकी सरकार इन दो अहम मसलों पर संसद में बिल ला सकती है। मोदी ने सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए अनुच्छेद 370 के खात्मे का जिक्र किया और कहा कि ऐसा करके उनकी सरकार ने सरदार पटेल के सपने को साकार किया है।
पीएम मोदी हमेशा ही सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान को याद करते हैं। बता दें कि भारत की आजादी के बाद सरदार पटेल के सख्त रुख के कारण ही तमाम रजवाड़ों ने साथ आने का फैसला किया था। सरदार पटेल ने विरोधी रुख अपनाकर पाकिस्तान परस्ती दिखा रहे हैदराबाद रियासत को भी घुटने टेकने पर मजबूर किया था और पुलिस एक्शन के जरिए निजाम के राज्य को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाया था। सरदार पटेल के इस काम की वजह से उनको लौह पुरुष कहा जाता है। सरदार पटेल ने देश की एकता के लिए अहम फैसले लिए और किसी के भी दवाब को कभी स्वीकार नहीं किया।













