April 28, 2025

Hind foucs news

hindi new update

कैश जलने के मामले में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा के ट्रांसफर के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में खारिज

प्रयागराज। कैश जलने के मामले में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट तबादले के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की बेंच ने कहा कि किसी जज का अपने कार्यकाल में ट्रांसफर, शपथ लेना और कामकाज संविधान के अनुच्छेद 124(4) और 217(1)(बी) के तहत सुरक्षित है। इलाहाबाद हाईकोर्ट बेंच ने ये भी कहा कि एक बार जब सही तरीके से किए गए ट्रांसफर की अधिसूचना कानूनन वैध हो, तो इसे चुनौती देना भी सुरक्षित है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच ने आगे कहा कि जज का कार्यकाल न्यायपालिका की आजादी से जुड़ा है। इसलिए इस मामले में इस पर सवाल उठाने पर संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही का हिस्सा है और वही मान्य है। जस्टिस यशवंत वर्मा के बारे में दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच ने जोर देकर कहा कि कोई बड़ा आधार भी नहीं दिया गया। साथ ही स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में विचार का अधिकार संसद के ही पास है। बेंच ने कहा कि रिकॉर्ड में रखे गए सभी मसलों पर ध्यान देते हुए हमें कार्रवाई के लिए कोई गड़बड़ी या अवैधानिकता नहीं मिली।

जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास के स्टोर रूम में 14 मार्च की रात आग लगी थी। इस आग को बुझाने दिल्ली फायर ब्रिगेड और पुलिस पहुंची थी। पुलिसकर्मियों ने वहां आग में जला कैश देखा। जिसका वीडियो बनाकर उन्होंने पुलिस कमिश्नर को भेजा था। पुलिस कमिश्नर ने वीडियो को दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय को भेजा। जिन्होंने मामले की जानकारी सीजेआई संजीव खन्ना को दी। सीजेआई ने इस पर 3 जजों की जांच कमेटी बनाई। साथ ही जस्टिस यशवंत वर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट तबादला कर दिया। जस्टिस यशवंत वर्मा के यहां कैश जलने के मामले की जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है।

जस्टिस यशवंत वर्मा का कहना है कि आग लगने के वक्त वो मध्य प्रदेश गए थे। साथ ही उन्होंने प्रारंभिक जांच में ये बयान भी दिया कि आग बुझाने के बाद आवास पर मौजूद परिजनों को जला हुआ कैश नहीं दिखा था। वहीं, घटना के कुछ दिन बाद जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास के पास मीडिया को जले हुए कैश का हिस्सा भी मिला था। जस्टिस यशवंत वर्मा के इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर के खिलाफ वकीलों ने भी रोष दिखाया था और जनहित याचिका भी दाखिल की गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *