‘हम (मुस्लिम) 75%, तो नियम भी हो हमारे’, आबादी बढ़ी तो स्कूल में बदलवाई प्रार्थना, बच्चों को हाथ जोड़ने से भी इंकार, जानिए क्या है पूरा मामला

नई दिल्ली। देश में बीते कुछ समय से माहौल ठीक नहीं है ये तो सभी जानते हैं। भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए बयान के बाद से शुरू हुआ बवाल अब भी जारी है। नुपूर शर्मा के इस बयान के बाद न सिर्फ देश बल्कि विदेशों से भी खूब प्रतिक्रिया सामने आई। इस मामले में अब तक कई लोग अपनी जान भी गवा चुके हैं लेकिन ये मामला अब भी धधक रहा है। एक ओर जहां पहले ही नुपूर शर्मा के बयान पर बवाल जारी है तो वहीं, अब इस बीच झारखंड के गढ़वा से एक ऐसा मामला सामने आया है जो कि हैरान कर रहा है। यहां, मुस्लिम समुदाय की आबादी बढ़ने से इस समुदाय के लोगों ने स्कूल तक में अपना अधिकार दिखाना शुरू कर दिया है। सामने आई खबर की मानें तो न सिर्फ स्कूल में प्रार्थना बदलवा दी गई है बल्कि बच्चों को हाथ जोड़ने से भी इंकार कर दिया हैं।
क्या है पूरा मामला
बताया जा रहा है मामला गढ़वा के मध्य विद्यालय का है। जहां स्कूल प्रिंसिपल युगेश राम पर क्षेत्र की बहुल आबादी ने स्कूल प्रार्थना बदलने का दबाव बनाया गया है। दैनिक जागरण में प्रकाशित एक रिपोर्ट की मुताबिक, मुस्लिम समुदाय की तरफ से प्रिंसिपल को ये कहा गया कि क्षेत्र में उनकी आबादी 75% है। ऐसे में नियम भी उन्हीं के हिसाब से होंगे। इस समुदाय द्वारा बनाए गए दबाव के चलते स्कूल की प्रार्थना भी बदल दी गई है। पहले जहां स्कूल में ‘दया का दान विद्या का…’ प्रार्थना करवाई जाती थी। तो अब ‘तू ही राम है तू ही रहीम’ वाली प्रार्थना स्कूल में कराई जा रही है। इतना ही नहीं स्कूल में बच्चों को हाथ जोड़ कर प्रार्थना करने से भी मना कर दिया गया है।
प्रिंसिपल का मामले को लेकर कहना है कि लंबे समय से मुस्लिम समुदाय के लोग 75 फीसदी आबादी का हवाला देकर स्कूलों के नियमों को बदलने का दबाव डाल रहे थे। कुछ समय पहले इन लोगों ने मिलकर स्कूल में प्रार्थना करने के ढंग को ही बदलवा दिया। इसकी जानकारी उन्होंने कोरवाडीह पंचायत के मुखिया और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी दी है।
मामला सामने आया तो शुरू हुई जांच
मिली रिपोर्ट की मानें तो जिला शिक्षा पदाधिकारी कुमार मयंक भूषण ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए ये बताया है कि उनके पास विद्यालय में प्रार्थना को अपने हिसाब से कराने को लेकर विद्यालय के शिक्षकों को मजबूर किए जाने की जानकारी आई है। वो मामले की जांच करवा रहे हैं। सरकार आदेश की अवहेलना करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी।