नई दिल्ली। ईरान समर्थित संगठन हिजबुल्लाह ने अपने नेता हसन नसरल्लाह की मौत के बाद शेख नईम कासिम को नया महासचिव नियुक्त किया है। हिजबुल्लाह ने बयान जारी कर घोषणा की कि उसकी शूरा काउंसिल ने महासचिव चुनने के अपने तंत्र के तहत कासिम को संगठन का नया नेता चुना है। हिजबुल्लाह के मुताबिक, नसरल्लाह की मृत्यु के बाद से कासिम संगठन के कार्यवाहक प्रमुख की भूमिका निभा रहे थे। गौरतलब है कि हसन नसरल्लाह का निधन 27 सितंबर को बेरूत में हुए एक इजरायली हवाई हमले में हो गया था।
शिया संगठन के पुराने सदस्य हैं नईम कासिम
नईम कासिम भी नसरल्लाह की तरह ही हिजबुल्लाह के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। संगठन की स्थापना के समय से ही वे इसके साथ जुड़े हुए हैं और लंबे समय तक उप महासचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। उनकी नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब इजरायली सेना के हमले हिजबुल्लाह पर दबाव बढ़ा रहे हैं। नईम कासिम पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए हुए हैं, और अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश हिजबुल्लाह को आतंकवादी संगठन मानते हैं।
कौन हैं नईम कासिम?
नईम कासिम का जन्म दक्षिणी लेबनान के कफर फ़िला में हुआ था। उन्होंने लेबनानी विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान की पढ़ाई की और बाद में रसायन विज्ञान के शिक्षक के रूप में काम किया। इस दौरान उन्होंने धार्मिक अध्ययन भी जारी रखा और छात्रों के बीच धार्मिक पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘लेबनानी यूनियन फॉर मुस्लिम स्टूडेंट्स’ की स्थापना में भाग लिया।
हिजबुल्लाह में कैसे जुड़े?
1970 के दशक में नईम कासिम लेबनान के शिया समुदाय के अधिकारों के लिए कार्य करने वाले संगठन ‘मूवमेंट ऑफ द डिसपोस्सेस्ड’ में शामिल हो गए। यह संगठन इमाम मूसा सदर द्वारा स्थापित किया गया था, जिसका उद्देश्य शिया समुदाय को राजनीतिक प्रतिनिधित्व दिलाना था। बाद में यह संगठन ‘अमल मूवमेंट’ बन गया, जिसने लेबनान के गृहयुद्ध में प्रमुख भूमिका निभाई और वर्तमान में एक शक्तिशाली राजनीतिक दल है। 1982 में लेबनान में इजरायली हमलों और दक्षिणी क्षेत्र पर कब्जे के बाद, ईरान के समर्थन से हिजबुल्लाह का गठन हुआ और कासिम इससे जुड़ गए। 1991 से उन्होंने हिजबुल्लाह के उप महासचिव के रूप में कार्य किया है।













