कौन है अबु मोहम्मद अल जोलानी, जिसके संगठन के विद्रोहियों ने सीरिया में गिरा दी बशर अल-असद की सरकार?
1 min read
नई दिल्ली। सीरिया में लंबे समय से चल रहे संघर्ष ने नया मोड़ ले लिया है। विद्रोही गुट हयात तहरीर अल शाम (HTS) ने रविवार, 8 दिसंबर को राजधानी दमिश्क और सरकारी टीवी नेटवर्क पर कब्जा कर लिया। इस बड़े घटनाक्रम के बाद, राष्ट्रपति बशर अल-असद को देश छोड़कर भागना पड़ा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, असद एक विमान में सवार होकर अज्ञात स्थान की ओर रवाना हुए हैं। सेना को भी आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया गया है।
HTS का पूरा सीरिया पर कब्जे का ऐलान
हयात तहरीर अल शाम ने दावा किया है कि उसने पूरे सीरिया पर कब्जा कर लिया है। यह विद्रोही गुट लंबे समय से बशर अल-असद की सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा था। अब सवाल उठ रहा है कि हयात तहरीर अल शाम कौन है और इसका नेतृत्व कौन कर रहा है?
क्या है हयात तहरीर अल शाम?
हयात तहरीर अल शाम सीरिया का एक कट्टरपंथी विद्रोही गुट है। यह कभी अल-कायदा की एक शाखा हुआ करता था। हालांकि, 2016 में इस गुट ने खुद को अल-कायदा से अलग कर लिया था। इसके बाद से इसने खुद को उदारवादी गुट के तौर पर पेश करने की कोशिश की। पश्चिमी देश आज भी इस गुट को आतंकवादी संगठन मानते हैं।
कौन है हयात तहरीर अल शाम का मुखिया अबू मोहम्मद अल-जोलानी
हयात तहरीर अल शाम का नेतृत्व अबू मोहम्मद अल-जोलानी कर रहा है। जोलानी को कट्टरपंथी विचारधारा का माना जाता है, लेकिन वह खुद को आधुनिक नेता कहता है। 1982 में जन्मा जोलानी दमिश्क के माजेह इलाके में पला-बढ़ा। उसका परिवार गोलान हाइट्स से ताल्लुक रखता है। जोलानी ने एक बार दावा किया था कि उसके दादा को 1967 में इस्राइली कब्जे के कारण वहां से भागना पड़ा था।
HTS का गठन और उद्देश्य
2016 में अल-कायदा से अलग होने के बाद जोलानी ने HTS को एक संगठित गुट के रूप में स्थापित किया। इसका मकसद बशर अल-असद की सत्ता को खत्म करना और सीरिया पर कब्जा जमाना था।
क्या होगा सीरिया का भविष्य?
इस बड़े घटनाक्रम के बाद सीरिया के भविष्य पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। जहां एक ओर हयात तहरीर अल शाम ने अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है, वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे आतंकवादी संगठन माना जा रहा है।
