May 7, 2025

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कैश जलने के मामले में जांच कमेटी ने जस्टिस यशवंत वर्मा को पाया दोषी!

नई दिल्ली। कैश जलने के मामले में जस्टिस यशवंत वर्मा फंस गए हैं। बार एंड बेंच ने उच्चस्तरीय सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित आवास पर आग में कैश जलने का मामला 3 जजों की जांच कमेटी ने सही पाया है। इस घटना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की जस्टिस अनु शिवरामन की कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने 4 मई को चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

सूत्रों के मुताबिक अगर जस्टिस यशवंत वर्मा इस्तीफा नहीं देते हैं, तो सीजेआई संजीव खन्ना जांच कमेटी की रिपोर्ट को राष्ट्रपति के पास भेजकर महाभियोग चलाने की सिफारिश करेंगे। सूत्रों ने बार एंड बेंच को बताया कि जजों की कमेटी की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सीजेआई ने जस्टिस यशवंत वर्मा से बात की। उनको कहा कि अगर इस्तीफा देंगे, तो ठीक रहेगा। बताया जा रहा है कि फैसला लेने के लिए सीजेआई संजीव खन्ना ने जस्टिस यशवंत वर्मा को 9 मई तक का वक्त दिया है। जानकारी के मुताबिक जस्टिस यशवंत वर्मा ने अपने आवास में कैश जलने का आरोप लगने के बाद वरिष्ठ वकीलों से सलाह भी ली थी। वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ अग्रवाल और अरुंधति काटजू के अलावा तारा नरूला, स्तुति गुजराल और एक अन्य वकील ने जस्टिस यशवंत वर्मा से मुलाकात की थी।

जस्टिस यशवंत वर्मा पहले दिल्ली हाईकोर्ट में थे। 14 मार्च 2025 को होली की रात उनके सरकारी आवास के स्टोर रूम में आग लगी थी। जस्टिस वर्मा उस वक्त मध्य प्रदेश गए थे। उनके परिजनों और स्टाफ ने दिल्ली पुलिस और फायर ब्रिगेड को आग की सूचना दी थी। आग बुझाने के बाद मौके पर बड़ी तादाद में जला हुआ कैश मिला था। जिसका वीडियो दिल्ली पुलिस के अफसरों और फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने बनाया था। इस वीडियो को दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भेजा गया। उन्होंने वीडियो को दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय को भेजा। जस्टिस उपाध्याय ने इस मामले की जानकारी सीजेआई संजीव खन्ना को दी थी।

वहीं, जस्टिस यशवंत वर्मा ने जस्टिस उपाध्याय से कहा था कि उनके परिवार ने भी आग बुझाने के बाद जला हुआ कैश नहीं देखा। जस्टिस यशवंत वर्मा ने साजिश की आशंका जताई थी। इसके बाद सीजेआई ने जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया था और 3 जजों की जांच कमेटी बनाई थी। घटना के कुछ दिन बाद मीडिया को भी जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास के पास जला हुआ कैश मिला था।

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