May 9, 2025

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क्या है हारोप?, ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान का एयर डिफेंस नष्ट करने के लिए किया इस्तेमाल

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नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर में तमाम आतंकी ठिकाने ध्वस्त होने के बाद पाकिस्तान ने भारत के अहम सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश की। भारत के मजबूत एयर डिफेंस की वजह से पाकिस्तानी सेना के हमलावर ड्रोन और मिसाइल आसमान में ही मार गिराए गए। इसके बाद भारत ने पलटवार करते हुए पाकिस्तानी सेना के एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया और लाहौर के एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह नष्ट भी कर दिया। पाकिस्तान का दावा है कि भारत ने उसके एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाने के लिए हारोप HAROP ड्रोन का इस्तेमाल किया है। अब आपको बताते हैं कि हारोप ड्रोन क्या और कितने खतरनाक हैं?

हारोप ड्रोन इजरायल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज बनाती है। ये कंपनी इस तरह के हमलावर ड्रोन बनाने वाली कंपनियों में अग्रणी मानी जाती है। हारोप ड्रोन का मुख्य उद्देश्य दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट करना होता है। हारोप ड्रोन से जासूसी भी कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर हमला भी। आसमान में ऊंचाई पर रहकर ये अपने टारगेट पर नजर रखता और हमला करता है। हारोप ड्रोन लंबे वक्त तक आसमान में उड़ता रह सकता है। छोटा होने के कारण इसका रडार क्रॉस सेक्शन कम होता है। जिसकी वजह से दुश्मन इसे ठीक से देख भी नहीं पाते। हारोप ड्रोन पहले भी इजरायल और अन्य देशों की सेना इस्तेमाल कर चुकी है और इसका निशाना सटीक रहता है।

हारोप ड्रोन एक बार में 9 घंटे तक उड़ान भर सकता है। ये 1000 किलोमीटर दूर तक जा सकता है। इससे दुश्मन देश के काफी भीतर तक हमला किया जा सकता है और इसमें अपने पायलटों की जान भी खतरे में नहीं डालनी पड़ती है। हारोप को टू-वे डेटा लिंक से जोड़कर उसे दुश्मन के इलाके में भेजा जाता है। ये खुद भी अपने लक्ष्य को तलाशकर, उसे पहचानकर हमला कर सकता है। अगर युद्ध के मैदान में स्थिति बदल जाए, तो हारोप को भेजने वाला ऑपरेटर हमला न करने का फैसला भी कर सकता है और हारोप को वापस बुलाने में भी सक्षम रहता है। हारोप ड्रोन में कैमरे, इन्फ्रारेड सेंसर समेत कई सेंसर होते हैं। इसमें लगा कैमरा रंगीन तस्वीरें खींचता है। हारोप रडार को चकमा भी दे सकता है। जमीन और समुद्र में भी इससे हमला किया जा सकता है। साथ ही शहरों में भी ये सटीकता से हमले कर सकता है। हारोप ड्रोन में 23 किलो विस्फोटक होता है। इसे सील्ड कैनिस्टर से छोड़ा जा सकता है। ऐसे में दुश्मन को ये भी पता नहीं चलता कि कहां से ड्रोन उड़ान भर रहा है।

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