तालिबान के विदेश मंत्री मुत्तकी के प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को दूर रखने पर हंगामा
नई दिल्ली। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री मावलावी अमीर खान मुत्तकी भारत के दौरे पर हैं। मुत्तकी ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बैठक के बाद अफगानिस्तान के दूतावास में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। मुत्तकी की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को दूर रखा गया। इस पर हंगामा बरपा हुआ है। तमाम महिला पत्रकारों के अलावा अन्य मीडिया कर्मियों ने मुत्तकी के प्रेस कॉन्फ्रेंस में न जाने देने पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं, कांग्रेस और टीएमसी समेत विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर हमलावर हैं। ऐसे में ये जान लेना जरूरी है कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मावलावी अमीर खान मुत्तकी ने क्या महिला पत्रकारों को न आने देकर गलत किया?
महिला पत्रकारों को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में न आने देने का फैसला किस वजह से लिया गया, ये तो तालिबान सरकार के विदेश मंत्री ही बता सकते हैं, लेकिन दूतावास के नियमों को जानना भी जरूरी है। किसी भी देश की संप्रभुता उसके दूतावास की चारदिवारी के भीतर भी लागू होती है। यानी संबंधित दूतावास को वो देश ही माना जाता है। ऐसे में कोई भी देश ये तय कर सकता है कि अपने दूतावास में वो किसे प्रवेश देगा और किसे नहीं। संप्रभुता के ही कारण हर देश को अपने दूतावास की सुरक्षा में अपने यहां के सुरक्षाकर्मी तैनात करने की भी छूट होती है। साथ ही संप्रभुता के कारण ही किसी भी दूतावास से भेजी गई डाक सामग्री या पार्सल की चेकिंग नहीं की जा सकती।
मोदी सरकार ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दे रखी है। इसी वजह से अमीर खान मुत्तकी ने जब शुक्रवार को जयशंकर के साथ बैठक की, तो मेज पर न तालिबान का झंडा लगाया गया और न ही भारत का। वहीं, खबर ये भी है कि अफगानिस्तान दूतावास के स्टाफ और मुत्तकी के स्टाफ के बीच झंडा लगाने पर विवाद भी हुआ। अफगानिस्तान दूतावास पर पुराना झंडा ही फहराया जाता है। जबकि, मुत्तकी का स्टाफ वहां तालिबान का झंडा फहराना चाहता था। बाद में जब मावलावी अमीर खान मुत्तकी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, तो उनके स्टाफ ने मेज पर तालिबान का छोटा झंडा रखा था।
