हिमाचल वक्फ बोर्ड को झटका, शिमला की संजौली मस्जिद को गिराने के नगर आयुक्त कोर्ट के फैसले को जिला कोर्ट ने बताया सही
शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की विवादित संजौली मस्जिद पूरी तरह गिराने का जिला कोर्ट ने भी आदेश दिया है। शिमला की जिला अदालत ने गुरुवार को नगर निगम आयुक्त कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा। शिमला नगर निगम के आयुक्त ने संजौली मस्जिद की निचली दोनों मंजिलों को तोड़ने का आदेश दिया था। हिमाचल वक्फ बोर्ड ने नगर निगम आयुक्त के इस फैसले को जिला कोर्ट में चुनौती दी थी। वक्फ बोर्ड की याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला कोर्ट ने कहा कि नगर निगम आयुक्त की ओर से 3 मई 2025 को दिया गया आदेश सही है और संजौली मस्जिद को गिराना होगा।
शिमला जिला कोर्ट के अतिरिक्त जिला जज यजुवेंद्र सिंह ने बीती 6 अक्टूबर 2025 को हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड और नगर निगम के वकीलों की दलीलें सुनी थीं। जिसके बाद उन्होंने 30 अक्टूबर 2025 को फैसला सुनाने की बात कही थी। शिमला नगर निगम आयुक्त के कोर्ट ने 17 मई 2025 को संजौली की मस्जिद को अवैध बताया था। इससे पहले 26 मई को कोर्ट ने संजौली मस्जिद तोड़ने पर अंतरिम रोक लगा दी थी। इसके बाद 29 मई को कोर्ट ने मस्जिद तोड़ने पर रोक को 5 जुलाई तक बरकरार रखा था। 11 जुलाई को कोर्ट ने पाया कि इस मामले में बहस हो सकती है। 6 सितंबर 2025 को कोर्ट में बहस हुई थी। जिसके बाद अब जिला कोर्ट ने मस्जिद गिराने का फैसला सुनाया है।
शिमला की संजौली मस्जिद का मामला लंबे समय से नगर निगम आयुक्त के कोर्ट में चल रहा था। 31 अगस्त 2024 को जब शिमला में दो गुटों में मारपीट हुई, तो फिर विवाद गर्मा गया। पिछले साल सितंबर में हिंदूवादी संगठनों ने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया था। जिस दौरान 11 सितंबर को भीड़ उग्र हो गई और पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इससे लोग और भड़के व हिमाचल प्रदेश में कई जगह सड़कों पर उतरकर लोगों ने विरोध जताया। लोगों का विरोध बढ़ने के बाद 12 सितंबर को संजौली मस्जिद कमेटी ने नगर निगम आयुक्त कोर्ट में कहा कि वो अवैध हिस्सा तोड़ देगी। हालांकि, इससे पहले ही नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने मस्जिद की निचली मंजिलों को तोड़ने का आदेश दे दिया था। अब जिला कोर्ट से भी इस फैसले को सही बताए जाने पर हिमाचल वक्फ बोर्ड के पास हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता बचा है।
