वित्तीय संकट से जूझ रही हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने मंदिरों से मांगा चढ़ावे का पैसा
नई दिल्ली। वित्तीय संकट से जूझ रही हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सरकारी योजनाओं के लिए प्रदेश के मंदिरों से चढ़ावे का पैसा मांगा है। इसके लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाले सभी मंदिरों को पत्र लिखा गया है। टीवी 9 की खबर के मुताबिक हिमाचल सरकार की ओर से मंदिर प्रशासन से आग्रह किया गया है कि ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ और ‘सुखाश्रय योजना’ के लिए मंदिर में चढ़ावे के रूप में मिलने वाले धन को सरकार को दिया जाए। उधर, सरकार द्वारा मंदिरों से चढ़ावे का पैसा मांगना तूल पकड़ सकता है।
हिमाचल सरकार पिछले काफी समय से गंभीर आर्थिक संकट में है। सरकारी खजाना खाली हो चुका है जिसके चलते मुख्यमंत्री कभी टॉयलेट टैक्स लगाते हैं तो कभी किसी अन्य कर के जरिए जनता से वसूली करना चाहते हैं। हालत तो यह है कि कुछ समय पहले सरकारी कर्मचारियों का वेतन और पूर्व कर्मचारियों की पेंशन तक लटक गई थी। जब हिमाचल सरकार इस मामले पर घिर गई थी तब काफी दिनों के इंतजार के बाद कर्मचारियों के खातों में उनकी तनख्वाह आई थी। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश सरकार भारी कर्ज में है। 2018 में सरकार पर वित्तीय बोझ 47,906 करोड़ रुपये था जो 2023 में बढ़कर 76,651 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था।
वहीं पिछले साल 2024 में तो यह आंकड़ा 86,589 करोड़ रुपये हो गया था। 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बहुत सी मुफ्त की रेवड़ियां बांटने का ऐलान किया था। सरकार बनने के बाद महिलाओं के लिए हर महीने 1500 रुपये, हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने समेत कई योजनाओं की गारंटी दी गई थी। इतना ही नहीं 5 साल में 5 लाख नौकरियों का भी वादा कांग्रेस ने किया था लेकिन इनमें से कोई भी वादा पूरी तरह निभाया नहीं है।
