नई दिल्ली। दिवाली का त्योहार 31 अक्टूबर को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर घरों की सजावट, पूजा-पाठ और उत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। लेकिन पटाखों के बढ़ते उपयोग से वायु प्रदूषण की चिंता को देखते हुए कई राज्यों ने इस दिवाली पटाखों पर नए नियम लागू किए हैं। दिल्ली सहित कई राज्यों ने प्रदूषण पर काबू पाने के लिए पटाखों पर आंशिक या पूर्ण प्रतिबंध लगाए हैं।
दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध
देश की राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता के बिगड़ते स्तर को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने 1 जनवरी, 2025 तक पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। इसमें ऑनलाइन बिक्री भी शामिल है। हालांकि, केवल ‘ग्रीन क्रैकर्स’ की ही अनुमति है, वह भी दिवाली की रात 8 बजे से 10 बजे तक मात्र दो घंटे के लिए। यह प्रतिबंध गुरुपर्व, क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर भी लागू रहेगा। ग्रीन क्रैकर्स की विशेषता यह है कि इनमें पारंपरिक पटाखों के मुकाबले हानिकारक रसायन कम होते हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर घटता है।
बिहार के कुछ शहरों में पूर्ण प्रतिबंध
बिहार में पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर जैसे प्रमुख शहरों में सभी प्रकार के पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यहां ग्रीन क्रैकर्स पर भी पाबंदी है, ताकि वायु प्रदूषण में वृद्धि को रोका जा सके।
महाराष्ट्र में पटाखों और Sky Lantern पर भी बैन
महाराष्ट्र सरकार ने भी दिवाली पर पटाखों के उपयोग पर कड़े कदम उठाए हैं। राज्य में केवल ग्रीन क्रैकर्स की अनुमति दी गई है, जो सामान्य पटाखों की तुलना में 30% कम प्रदूषण करते हैं। इसके साथ ही, मुंबई पुलिस ने 23 अक्टूबर से 24 नवंबर तक Sky Lantern के उपयोग और बिक्री पर भी रोक लगाई है, ताकि वायु और आग से संबंधित खतरे कम किए जा सकें।
कर्नाटक में केवल ग्रीन क्रैकर्स को अनुमति
कर्नाटक सरकार ने दिवाली के दौरान केवल ग्रीन क्रैकर्स की अनुमति दी है, जिसे रात 8 बजे से 10 बजे तक ही जलाया जा सकता है। हालांकि, इसे लेकर अभी तक कोई औपचारिक प्रतिबंध जारी नहीं किया गया है।
पंजाब और हरियाणा का कड़ा रुख
पंजाब और हरियाणा की सरकारों ने भी दिवाली पर प्रदूषण नियंत्रण को लेकर कड़े नियम लागू किए हैं। सुप्रीम कोर्ट और NGT के निर्देशों का पालन करते हुए, इन राज्यों ने दिवाली, गुरु पर्व, क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या सहित अन्य प्रमुख त्योहारों पर भी पटाखों के उपयोग और बिक्री पर रोक लगाई है। खासकर गुरुग्राम में दिल्ली जैसे ही सख्त नियम लागू किए गए हैं। यहां भी दिवाली और गुरु पर्व के दौरान कुछ घंटे के लिए ग्रीन क्रैकर्स की अनुमति दी गई है।
बिहार के कुछ शहरों में पूर्ण प्रतिबंध
बिहार में पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर जैसे प्रमुख शहरों में सभी प्रकार के पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यहां ग्रीन क्रैकर्स पर भी पाबंदी है, ताकि वायु प्रदूषण में वृद्धि को रोका जा सके।
महाराष्ट्र में पटाखों और Sky Lantern पर भी बैन
महाराष्ट्र सरकार ने भी दिवाली पर पटाखों के उपयोग पर कड़े कदम उठाए हैं। राज्य में केवल ग्रीन क्रैकर्स की अनुमति दी गई है, जो सामान्य पटाखों की तुलना में 30% कम प्रदूषण करते हैं। इसके साथ ही, मुंबई पुलिस ने 23 अक्टूबर से 24 नवंबर तक Sky Lantern के उपयोग और बिक्री पर भी रोक लगाई है, ताकि वायु और आग से संबंधित खतरे कम किए जा सकें।
कर्नाटक में केवल ग्रीन क्रैकर्स को अनुमति
कर्नाटक सरकार ने दिवाली के दौरान केवल ग्रीन क्रैकर्स की अनुमति दी है, जिसे रात 8 बजे से 10 बजे तक ही जलाया जा सकता है। हालांकि, इसे लेकर अभी तक कोई औपचारिक प्रतिबंध जारी नहीं किया गया है।
पंजाब और हरियाणा का कड़ा रुख
पंजाब और हरियाणा की सरकारों ने भी दिवाली पर प्रदूषण नियंत्रण को लेकर कड़े नियम लागू किए हैं। सुप्रीम कोर्ट और NGT के निर्देशों का पालन करते हुए, इन राज्यों ने दिवाली, गुरु पर्व, क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या सहित अन्य प्रमुख त्योहारों पर भी पटाखों के उपयोग और बिक्री पर रोक लगाई है। खासकर गुरुग्राम में दिल्ली जैसे ही सख्त नियम लागू किए गए हैं। यहां भी दिवाली और गुरु पर्व के दौरान कुछ घंटे के लिए ग्रीन क्रैकर्स की अनुमति दी गई है।













