मायावती ने फिर बोला सपा पर हमला, स्मारकों के टिकट का पैसा दबाकर रखने का लगाया आरोप, पूछा- सत्ता में रहते पीडीए की बात क्यों नहीं की
1 min read
लखनऊ। बीएसपी के संस्थापक कांशीराम की 19वीं पुण्यतिथि पर पार्टी सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को फिर अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) पर हमला बोला। कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में एक रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि उनकी सरकार रहते कई स्मारक बनाए गए थे। मायावती ने कहा कि इन स्मारकों में प्रवेश के लिए टिकट लगाया गया था। ताकि उसके पैसों से स्मारकों की देखभाल की जा सके।
मायावती ने आरोप लगाया कि सपा की सरकार के दौर में स्मारकों से आया पैसा दबाकर रखा गया। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि इसके बाद उन्होंने इस बारे में मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी। जिसके बाद स्मारकों की दशा फिर सुधारी गई है। उन्होंने ये सवाल भी उठाया कि आज पीडीए की बात की जाती है। सत्ता में रहते सपा ने ये बात क्यों नहीं की। मायावती ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा।
मायावती के सपा सरकार पर पैसा दबाने के इस आरोप से यूपी में सियासत फिर गर्माने के आसार हैं। इसकी वजह ये है कि मायावती लगातार सपा को निशाने पर रखती हैं। वहीं, सपा और कांग्रेस लगातार ये सवाल उठाते हैं कि बीएसपी सुप्रीमो आखिर बीजेपी के लिए सख्त लहजे का इस्तेमाल क्यों नहीं करतीं? सपा और कांग्रेस ने कई बार आरोप लगाया है कि मायावती और बीजेपी आपस में मिले हुए हैं। हालांकि, दोनों पार्टियों के ऐसे आरोपों से मायावती ने कदम नहीं खींचे और एक बार उन्होंने फिर सपा पर निशाना साध दिया है।
एक दौर था, जब सपा और बीएसपी ने मिलकर यूपी में सरकार बनाई थी। फिर 2 जून 1995 को लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड हो गया। जिसमें मायावती पर जानलेवा हमले की साजिश रचने का आरोप सपा पर लगा। इसके बाद सपा और बीएसपी के रास्ते अलग हो गए। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और मायावती फिर साथ आए। यहां तक कि अखिलेश यादव की सांसद पत्नी डिंपल यादव ने मंच पर मायावती के पैर छुए। मुलायम सिंह और मायावती ने एक-दूसरे को नमस्कार भी किया, लेकिन चुनाव नतीजों में दोनों ही पार्टियों के ढेर होने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। तबसे मौका मिलते ही मायावती सपा पर हमला करने से नहीं चूकती हैं।
