वोट चोरी के राहुल गांधी के आरोपों की एसआईटी जांच की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने कर दी खारिज, कहा- सिर्फ चुनाव आयोग को है अधिकार
नई दिल्ली। लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बीते दिनों वोट चोरी का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग को घेरा था। राहुल गांधी ने अपने आरोपों के पक्ष में कई सबूत होने का दावा किया था। राहुल गांधी की तरफ से वोट चोरी के आरोप लगाने के बाद इसकी जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में वकील रोहित पांडेय ने जनहित याचिका दाखिल की थी। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका करने वाले की दलील सुनकर इसे जनहित का मानने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जयमाल्य बागची की बेंच ने कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता को चुनाव आयोग को अपना प्रतिवेदन देना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के आरोपों की जांच का अधिकार चुनाव आयोग के ही पास है। याचिका देने वाले रोहित पांडेय वहां शिकायत दर्ज करा सकते हैं। याचिका दाखिल करने वाले वकील ने अपील की थी कि सुप्रीम कोर्ट राहुल गांधी की ओर से लगाए गए वोट चोरी के आरोपों की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का आदेश दे। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई कर साफ कर दिया है कि ऐसे मामले में वो सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
इससे पहले चुनाव आयोग की तरफ से राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा चुकी है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मीडिया से कहा था कि राहुल गांधी को हलफनामे के साथ चुनाव आयोग में शिकायत करनी चाहिए। मुख्य चुनाव आयुक्त ने ये भी कहा था कि अगर राहुल गांधी ऐसा नहीं करते, तो ये माना जाएगा कि उनके आरोप गलत हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस पर आपत्ति जताई थी कि राहुल गांधी ने वोटरों पर भी शक जता दिया। राहुल गांधी ने अपने आरोपों के संबंध में सबूत के तौर पर मीडिया के सामने तमाम वोटरों का नाम भी लिया था। इनमें से कई वोटरों ने मीडिया से कहा कि राहुल गांधी का आरोप गलत है और वे एक से ज्यादा जगह के वोटर आईडी कार्ड धारक नहीं हैं। राहुल गांधी ने ये दावा भी किया था कि जल्दी ही वो वोट चोरी से जुड़ा परमाणु बम धमाका करने वाले हैं, लेकिन फिलहाल कांग्रेस सांसद ने चुप्पी साध रखी है।
