नई दिल्ली। चुनाव आयोग आज से 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आज से वोटरों का विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर शुरू कर रहा है। चुनाव आयोग ने फैसला किया है कि यूपी, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, गोवा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और पुदुचेरी में एसआईआर कराया जाए। इन 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेश में अभी 51 करोड़ वोटर हैं। एसआईआर के तहत 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक वोटरों से फॉर्म भराए जाएंगे। 9 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होगी और दावे और आपत्तियां लेने के बाद 7 फरवरी 2026 को फाइनल वोटर लिस्ट जारी की जाएगी।
बिहार के बाद एसआईआर के दायरे में आए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुदुचेरी में 2026 में विधानसभा के चुनाव हैं। जबकि, बाकी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2027, 2028 और 2029 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। असम में भी अगले साल चुनाव होने हैं, लेकिन वहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश से नागरिकता का सत्यापन हो रहा है। इस वजह से वहां एसआईआर नहीं कराई जा रही है। इस बीच, तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके ने एसआईआर को असंवैधानिक, मनमाना और लोकतांत्रिक हक के लिए खतरा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इसके अलावा डीएमके ने एसआईआर को समानता के अधिकार, अभिव्यक्ति की आजादी और जीवन के अधिकार समेत जनप्रतिनिधित्व और वोटर एक्ट के भी खिलाफ बताया है।
एसआईआर के दौरान 4 दिसंबर तक बूथ लेवल अफसर यानी बीएलओ उन घरों में तीन बार जाएंगे, जहां उनको पहली या दूसरी बार वोटर नहीं मिले। इसके अलावा इन 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेश में रहने वाले ऑनलाइन भी एसआईआर में हिस्सा ले सकते हैं। एसआईआर के लिए 2002 की वोटर लिस्ट को आधार बनाया गया है। जिन वोटरों के नाम इस लिस्ट में हैं, उनको फॉर्म के साथ कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। जिनका नाम नहीं है या जो नए वोटर बनना चाहते हैं, उनको निम्नलिखित में से कोई एक दस्तावेज देना होगा।
एसआईआर में आप दे सकते हैं इनमें से कोई दस्तावेज –
-केंद्र सरकार, राज्य सरकार या किसी सरकारी उपक्रम के कर्मचारी या पेंशनधारक को जारी पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश यानी पीपीओ।
-किसी सरकारी संस्था, स्थानीय निकाय, बैंक, डाकघर, एलआईसी या सरकारी उपक्रम की ओर से एक जुलाई 1987 से पहले जारी किया गया कोई भी पहचान पत्र, प्रमाणपत्र या दस्तावेज।
-सक्षम प्राधिकारी की तरफ से जारी बर्थ सर्टिफिकेट।
-पासपोर्ट।
-मान्यता प्राप्त बोर्ड या यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी मैट्रिकुलेशन या शैक्षिक प्रमाणपत्र। जिसमें जन्मतिथि दर्ज हो।
-राज्य सरकारों के सक्षम प्राधिकारी से जारी स्थायी निवास प्रमाणपत्र।
-वन अधिकार प्रमाणपत्र।
-सक्षम प्राधिकारी से जारी ओबीसी, एससी, एसटी या किसी जाति का प्रमाणपत्र।
-जहां भी लागू हो वहां का राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर।
-राज्य सरकार या स्थानीय निकाय की ओर से तैयार परिवार रजिस्टर।
-सरकार की ओर से जारी जमीन या मकान का आवंटन सर्टिफिकेट।
-आधार कार्ड मान्य, लेकिन चुनाव आयोग के पत्र संख्या 23/2025-ERS/Vol.II दिनांक 09.09.2025 के अनुसार पहचान का दस्तावेज।














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