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वंशवादी राजनीति पर शशि थरूर के लेख से राजनीतिक सरगर्मी तेज, कांग्रेस असहज, बीजेपी बोली, खतरों के खिलाड़ी

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के एक लेख को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। दरअसल थरूर ने अपने लेख में वंशवादी राजनीति की आलोचना करते हुए कहा है कि भारत में राजनीति एक फैमिली बिजनेस बन गई है। थरूर ने नेहरू-गांधी परिवार को भारत का सबसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवार बताते हुए कहा कि इस परिवार की विरासत आजादी के आंदोलन से जुड़ी है लेकिन इसी वजह से लोगों में यह सोच भी बढ़ी है कि राजनीति कुछ परिवारों का जन्मसिद्ध अधिकार है। थरूर ने यूपी में मुलायम परिवार, महाराष्ट्र में ठाकरे परिवार बिहार में पासवान परिवार, पंजाब में बादल परिवार, तेलंगाना में केसीआर परिवार और तमिलनाडु में करूणानिधि परिवार का भी जिक्र किया। वहीं बीजेपी ने थरूर के लेख पर कांग्रेस को घेरा है जबकि कांग्रेस सफाई दे रही है।

बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा है कि थरूर खतरों के खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने सीधे तौर पर नेपो किड्स या नेपोटिज्म के नवाबों को निशाने पर लिया है। पूर्व कांग्रेस नेता पूनावाला ने थरूर को याद दिलाते हुए कहा कि सर, जब मैंने 2017 में नेपो नामदार राहुल गांधी को निशाने पर लिया था, तो आप जानते हैं कि मेरे साथ क्या हुआ था। मैं आपके लिए प्रार्थना कर रहा हूं। ‘फर्स्ट फैमिली’ बदला जरूर लेती है।

दूसरी तरफ कांग्रेस नेता उदित राज ने शशि थरूर के लेख पर सफाई देते हुए कहा, भारत में लगभग हर क्षेत्र में पारिवारिक व्यवसाय है। मैं बहुत से ऐसे लोगों को जानता हूं जिनके पैरेंट्स का जो व्यवसाय था वही उनके बच्चे भी कर रहे हैं। डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बनता है, व्यापारी का बच्चा व्यवसाय में बना रहता है और राजनीति कोई अपवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि वंशवादी प्रभाव राजनीति तक ही सीमित नहीं है, यह नौकरशाही, न्यायपालिका और यहां तक ​​कि फिल्म उद्योग तक फैला हुआ है।

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