SIR के लिए दिखाने होंगे कौन से दस्तावेज, कैसे दर्ज करा सकते हैं आपत्ति? सीईसी ज्ञानेश कुमार ने सब बताया
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नई दिल्ली। बिहार में SIR अभियान के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद अब 12 राज्यों में (मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। SIR के लिए वोटरों को कौन कौन से दस्तावेज दिखाने होंगे, SIR की प्रक्रिया कैसे होगी, फॉर्म कैसे भरा जाएगा, अगर किसी को समस्या हो तो वो अपनी आपत्ति कैसे दर्ज करा सकता है इन सभी सवालों का मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट जवाब दिया है। सीईसी ने बताया कि देश में SIR प्रक्रिया आठवीं बार होने जा रही है। इससे पूर्व लगभग 21 साल पहले 2002 से 2004 के बीच में SIR प्रक्रिया चलाई गई थी।
सीईसी ने बताया कि सबसे पहले गणना प्रपत्र को प्रिंट कराने का काम किया जाएगा। यह प्रक्रिया 28 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक चलेगी। हर मतदाता को एक गणना प्रपत्र उसके घर पर जाकर दिया जाएगा। बीएलओ गणना प्रपत्र में लिखे नाम का 2003 की वोटर लिस्ट से मिलान करेंगे। इस प्रक्रिया के बाद अगर किसी मतदाता को कोई समस्या है तो वह वह 9 दिसम्बर से 8 जनवरी तक अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है। वहीं SIR के दौरान मतदाता निम्नलिखित दस्तावेजों के जरिए अपनी को अपनी पहचान साबित कर सकते हैं-
– आधार कार्ड (सिर्फ पहचान के लिए मान्य), वोटर कार्ड
– भारत सरकार, स्थानीय प्राधिकरण, बैंक या पोस्ट ऑफिस से जारी किया गया अन्य कोई पहचान दस्तावेज जैसे बैंक पासबुक/ खाता विवरण
– पासपोर्ट
– ओबीसी, एससी-एसटी सर्टिफिकेट
– निवास प्रमाण पत्र
– सरकार के द्वारा जमीन या घर के लिए जारी किया अलॉटमेंट लेटर
– स्टेट या स्थानीय प्रशासन में दर्ज परिवार दस्तावेज
– जन्म प्रमाण पत्र
– पेंशन दस्तावेज
– वन अधिकार प्रमाण पत्र
– राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) दस्तावेज, जिसमें नाम दर्ज हो
असम के लिए अलग से जारी होंगे आदेश
एसआईआर के दूसरे चरण में असम को शामिल न किए जाने पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि भारत के नागरिकता अधिनियम में असम के लिए अलग प्रावधान हैं। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में वहां नागरिकता की जांच का काम लगभग पूरा होने वाला है। ऐसी स्थिति में जो 24 जून का एसआईआर का आदेश था वो पूरे देश के लिए था। वह असम पर लागू नहीं होता, इसलिए असम के लिए SIR के आदेश अलग से जारी किए जाएंगे।
