ईरान में चाबहार पोर्ट पर अमेरिकी प्रतिबंधों से भारत को मिली छूट, कश्मीर पर OIC के बयान को विदेश मंत्रालय ने किया खारिज
1 min read
नई दिल्ली। ईरान के चाबहार बंदरगाह पर अमेरिकी प्रतिबंधों से भारत को छह महीने की छूट मिल गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए अमेरिका के साथ हमारी बातचीत जारी है। भारत के लिए चाबहार पोर्ट बेहद खास है क्योंकि यहां से पाकिस्तान को बाईपास करते हुए अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक व्यापार के लिए सीधा रास्ता उपलब्ध है। भारत ने साल 2016 में ईरान के साथ हुए एक समझौता किया था और उसी के तहत चाबहार पोर्ट को विकसित करने का काम शुरू किया था। इसका मुख्य उद्देश्य भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच व्यापार मार्ग तैयार करना है।
भारत ने पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में जवाब देते हुए अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए एक बार फिर से प्रतिबद्धता जताई है। रणधीर जायसवाल ने कहा, अफगानिस्तान के द्वारा अपने ही क्षेत्रों पर संप्रभुता का प्रयोग करने से पाकिस्तान नाराज है। पाकिस्तान का ऐसा मानना है कि उसे सीमा पार आतंकवाद फैलाने का अधिकार है। भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जायसवाल ने कहा, जैसा कि हाल ही में भारत-अफगानिस्तान संयुक्त वक्तव्य में जोर दिया गया है कि भारत अफगानिस्तान को उसके सतत जल प्रबंधन में, जिसमें जलविद्युत परियोजनाएं भी शामिल हैं, सहायता देने के लिए तैयार है। दोनों देशों के बीच सहयोग का एक लंबा इतिहास रहा है, जिसमें सलमा बांध भी शामिल है, जिसे आज भारत-अफगानिस्तान मैत्री बांध कहा जाता है।
कश्मीर पर इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के बयान पर सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम उन बयानों को खारिज करते हैं। भारत के आंतरिक मामलों पर बोलने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है। OIC ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा था कि ‘जम्मू-कश्मीर के लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार की लड़ाई में हम उनके साथ एकजुट हैं।
