पाकिस्तान को आर्थिक मदद के आईएमएफ के फैसले की भारत समेत अन्य देशों में हो रही आलोचना

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है उकसावे वाली कार्रवाई कर रहा है जिसका भारत भी जबर्दस्त जवाब दे रहा है। इस सबके बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान को 1 अरब अमेरिकी डॉलर की किस्त जारी करने की मंजूरी दे दी। एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी के तहत आईएमएफ ने पाकिस्तान को राहत पहुंचाई है। उधर आईएमएफ के इस फैसले को लेकर लोग खासे नाराज हैं। भारत के अलावा अन्य देशों के लोग भी इसकी आलोचना कर रहे हैं।
भारतीय वित्त मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आईएमएफ से मिले इस पैसों का दुरुपयोग पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने के अपने उद्देश्यों के लिए कर सकता है। निर्वासित अफगान सांसद मरियम सोलायमानखिल का कहना है कि आईएमएफ ने आर्थिक मदद देकर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को नहीं बचाया है बल्कि खून खराबे को बढ़ावा दिया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर वैश्विक समुदाय पाकिस्तान को दहशतगर्दी के लिए कब तक धन मुहैया कराएगा? जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी आईएमएफ के इस फैसले की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि एक तरफ आईएमएफ पाकिस्तान को धन दे रहा है और दूसरी तरफ पाकिस्तान उस पैसे का उपयोग पुंछ, राजौरी, उरी, तंगधार समेत अन्य स्थानों पर तबाही मचाने के लिए कर रहा है।
भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने तो आईएमएफ का फैसले को राजनीतिक रूप से संदिग्ध करार दिया। उन्होंने कहा कि आईएमएफ का कंट्रोल विदेशी ताकतों के हाथ में हैं जो अपने कोटा के साथ निर्णय लेने पर हावी होते हैं। यूक्रेन को दी गई तत्काल आर्थिक मदद इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। ओरआरएफ के सीनियर फेलो सुशांत सरीन ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा है कि, आईएमएफ को मौजूदा हालात के लिए काफी हद तक जिम्मेदार माना जाना चाहिए।