दिल्ली में भयानक प्रदूषण तो पंजाब में जमकर जलाई जा रही पराली
चंडीगढ़। एक तरफ दिल्ली में भयानक प्रदूषण है। यहां एक्यूआई 300 से 400 के बीच पहुंच गया है। वहीं, पंजाब में किसान जमकर पराली जला रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक पंजाब में बुधवार को पराली जलाने के 283 नए मामले सामने आए। इस सीजन में ये सबसे ज्यादा संख्या होने के साथ ही 2024 का रिकॉर्ड भी टूट गया है। 2024 के 29 अक्टूबर को पंजाब में पराली जलाने के 219 मामले दर्ज हुए थे। अखबार अमर उजाला के मुताबिक बुधवार को पंजाब के सीएम भगवंत मान के जिले संगरूर में सबसे ज्यादा पराली जलाई गई। बुधवार को संगरूर में पराली जलाने के 79 मामले हुए। इसके साथ ही इस साल संगरूर में पराली जलाने के कुल मामले 170 हो चुके हैं।
अखबार ने खबर दी है कि पंजाब का तरनतारन जिला पराली जलाने के मामले में पहले नंबर पर है। तरनतारन में इस साल पराली जलाने के 296 मामले दर्ज हुए हैं। इसके बाद अमृतसर का स्थान है। यहां पराली जलाने के 173 मामले हुए हैं। फिरोजपुर में पराली जलाने के 123, पटियाला में 73, गुरदासपुर में 43, बठिंडा में 61, कपूरथला में 48, बरनाला में 28, मानसा में 28, जालंधर में 26, लुधियाना में पराली जलाने के 17 मामले दर्ज हो चुके हैं। इनके अलावा पंजाब के तमाम और जिलों में भी पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं। पंजाब में पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई भी जारी है। राज्य में 28 अक्टूबर तक पराली जलाने के 443 मामलों में 22.60 लाख का जुर्माना लगाया गया है। इसमें से 14.80 लाख रुपए किसानों से वसूले भी गए हैं। साथ ही 331 एफआईआर भी दर्ज की गई हैं।
पंजाब सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में बीते दिनों प्रदूषण मामले की सुनवाई के दौरान बताया था कि पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं। वहीं, सीजेआई बीआर गवई ने सख्त टिप्पणी की थी कि कुछ किसानों को अगर जेल भेज देंगे, तभी बाकी को सबक मिलेगा। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी में हर साल पराली जलाने के मामले होते हैं। किसानों का कहना है कि पराली जलाए बिना वो अगली फसल की बोवाई नहीं कर सकते। हालांकि, पराली न जलाने के लिए किसानों को कई तरह की सुविधाएं भी मिलती हैं, लेकिन किसानों की दलील है कि इनको अपनाने में काफी पैसा खर्च होता है।
