अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने कहा- महंगाई बढ़ी और अर्थव्यवस्था के धीमे पड़ने के भी संकेत
वॉशिंगटन। एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार ये दावा कर रहे हैं कि टैरिफ लगाने से उनके देश का खजाना भर रहा है। वहीं अब फेडरल रिजर्व चीफ जेरोम पॉवेल ने कहा है कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था के धीमे पड़ने के संकेत मिल रहे हैं। फेडरल रिजर्व चीफ ने कहा कि अमेरिका में रोजगार मिलने में कमी हुई है और बेरोजगारी दर हल्की बढ़ी है। ट्रंप का टैरिफ किस तरह अमेरिका पर ही भारी पड़ रहा है, उसका उदाहरण इससे मिलता है कि जेरोम पॉवेल ने ये कहा कि हाल के महीनों में महंगाई बढ़ी है।
इसके साथ ही फेडरल रिजर्व ने एक बार फिर ब्याज दर में कटौती का फैसला किया है। फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में 25 बेसिस प्वॉइंट की कमी की है। इससे अमेरिका में ब्याज की दरें 3.75 से 4 फीसदी तक आ गई हैं। फेडरल रिजर्व ने इससे पहले सितंबर में भी ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की थी। फेडरल रिजर्व की ओपन मार्केट कमेटी ने कहा है कि नए आंकड़ों और आर्थिक हालात को देखकर ही आगे कोई नीतिगत बदलाव किया जाएगा। फेडरल रिजर्व ने 1 दिसंबर को अपनी प्रतिभूति होल्डिंग में कटौती पूरी करने का भी एलान किया है।
फेडरल रिजर्व ने कहा है कि उसका लक्ष्य अमेरिका में आर्थिक जोखिम से निपटना, रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा करना और चीजों की कीमतों में स्थिरता का संतुलन बनाए रखना है। फेडरल रिजर्व चीफ जेरोम पॉवेल ने कहा कि वो अधिकतम रोजगार और महंगाई की दर को 2 फीसदी रखना चाहते हैं। बता दें कि बीते दिनों ये खबर आई थी कि अमेरिका में महंगाई की दर 3.25 फीसदी तक जा पहुंची है। जो वहां के हिसाब से काफी है। वहीं, अमेरिका की अमेजन समेत कई कंपनियों ने अपने यहां कर्मचारियों की छंटनी का भी एलान किया है। इससे अमेरिका में बेरोजगारी और बढ़ने के आसार हैं। अमेरिका में इस साल 10 लाख लोग रोजगार गंवा चुके हैं। वहां मंदी की आशंका भी काफी वक्त से लगाई जा रही है।
