पटना। नीतीश कुमार को एक बार फिर जेडीयू विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। वहीं, बीजेपी विधायकों ने सम्राट चौधरी को विधानमंडल दल का नेता और विजय कुमार सिन्हा को उप नेता चुना है। इसके साथ ही गुरुवार को नीतीश कुमार सरकार के शपथग्रहण के लिए तैयारी और बढ़ चुकी है। नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार के सीएम के तौर पर शपथ लेंगे। उनकी सरकार में मौजूदा डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के अलावा एलजेपी से भी एक डिप्टी सीएम होने की चर्चा है। नीतीश कुमार, सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के जेडीयू और बीजेपी विधानमंडल दल का नेता और उप नेता चुने जाने के बाद बिहार सरकार में मंत्रियों के नाम पर भी चर्चा शुरू हो गई है।
न्यूज चैनल इंडिया टीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि बीजेपी से सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के अलावा मंगल पांडेय, नीतीश मिश्र, रेणु देवी और नितिन नबीन को मंत्री बनाए जाने की संभावना है। वहीं, जेडीयू से विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी और लेशी सिंह को नीतीश कुमार सरकार में बतौर मंत्री जगह मिल सकती है। वहीं, एनडीए के घटक दल एलजेपी-आर से भी कुछ मंत्री बनाए जा सकते हैं। इनमें चिराग पासवान के करीबी राजू तिवारी का नाम भी है। जबकि, हिंदुस्तानी विकास मोर्चा (हम) से जीतनराम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन और आरएलएम से अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाह की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा को भी नीतीश कुमार सरकार में मंत्री बनाए जाने की चर्चा है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए ने विपक्ष के महागठबंधन को बुरी तरह हराया है। एनडीए में शामिल बीजेपी 89 सीट जीतकर बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनी है। जबकि, नीतीश कुमार की जेडीयू 84 सीट जीती। चिराग पासवान की एलजेपी-आर को 19 सीट पर विजय मिली। वहीं, जीतनराम मांझी की हम से 5 और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएम से 4 प्रत्याशी जीतकर विधायक बने हैं। विपक्ष के महागठबंधन में आरजेडी को 25 और कांग्रेस को सिर्फ 6 सीट मिली। जबकि, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी 75 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। वहीं, कांग्रेस बिहार विधानसभा के पिछले चुनाव में 19 सीट पर जीती थी।

















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