पंजाब में इस साल अब तक पराली जलाने की 6000 से ज्यादा घटनाएं, लेकिन 2023 के मुकाबले संख्या कम हुई
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चंडीगढ़। ठंड की शुरुआत में पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के किसान खेतों में पराली जलाते हैं। पराली जलाने से दिल्ली समेत आसपास के तमाम इलाकों में वायु प्रदूषण बढ़ता है। पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ केस भी दर्ज होता है और उनपर जुर्माना भी लगाया जाता है। बावजूद इसके पराली जलाने की घटनाएं हर साल होती हैं। इस साल भी पराली जलाने के हजारों मामले सामने आ चुके हैं। सबसे ज्यादा पराली जलाने के केस पंजाब में दर्ज किए गए हैं। पंजाब में इस साल सितंबर से अब तक पराली जलाने के 6000 से ज्यादा मामले हैं।
पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में पराली जलाने के 6611 मामले हुए हैं। पंजाब में पराली जलाने की ये घटनाएं 15 सितंबर से 10 नवंबर तक देखी गईं। आंकड़ों के मुताबिक पंजाब के संगरूर जिले में पराली जलाने की सबसे ज्यादा 116 घटनाएं हुईं। मानसा में पराली जलाने की 44, फिरोजपुर में 26 और मोगा व फरीदकोट में 24-24 घटनाएं दर्ज की गईं। बीते साल पंजाब में पराली जलाने की 36000 से ज्यादा घटनाएं हुई थीं। इस तरह पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी हुई है, लेकिन इस साल भी पराली जलाने के मामले हजारों में हैं। किसानों का कहना है कि पराली को नष्ट किए बगैर नई फसल बोई नहीं जा सकती।
पराली को खाद में बदलने के लिए बायो डिकंपोजर नाम का केमिकल आता है। वहीं, मशीन के जरिए भी पराली को जमीन से उखाड़ा जा सकता है, लेकिन पराली को जलाने का काम सबसे सुविधाजनक होने के कारण किसान यही कदम उठाते दिखते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर में दिल्ली में प्रदूषण के मामले में सुनवाई के दौरान पराली जलाने पर किसानों से कम जुर्माना लेने पर नाराजगी जताई थी। इसके बाद बीते दिनों केंद्र सरकार ने पराली जलाने पर जुर्माना बढ़ाकर दोगुना कर दिया है। अब खेत के क्षेत्रफल के हिसाब से जुर्माने को 5000 रुपए से लेकर 30000 रुपए किया गया है।