October 4, 2025

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योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने ओबीसी आरक्षण को तीन हिस्सों में बांटने की उठाई आवाज, विपक्षी दलों पर दागा अहम सवाल

लखनऊ। यूपी में ओबीसी आरक्षण को बांटने की मांग उठी है। ओबीसी आरक्षण को बांटने की ये मांग योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने उठाई है। ओम प्रकाश राजभर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष हैं। राजभर ने ओबीसी आरक्षण में बंटवारे की मांग संबंधी चिट्ठी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव, बीएसपी सुप्रीमो और पूर्व सीएम मायावती, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, निषाद पार्टी प्रमुख और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद और अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को भेजी है।

ओम प्रकाश राजभर ने चिट्ठी में कहा है कि ओबीसी समुदाय को मिलने वाला 27 फीसदी आरक्षण 3 हिस्सों में बांटा जाए। उन्होंने कहा है कि इसमें से 7 फीसदी आरक्षण पिछड़ा वर्ग, 9 फीसदी अत्यंत पिछड़ा वर्ग और 11 फीसदी आरक्षण सबसे ज्यादा पिछड़ों को दिया जाए। सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने की बात ओम प्रकाश राजभर ने कही है। ओम प्रकाश राजभर पहले भी सामाजिक न्याय समिति रिपोर्ट को लागू कर ओबीसी आरक्षण को बांटने की मांग उठाते रहे हैं। उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि यूपी में पहले सत्तारूढ़ रही सपा और बीएसपी ने ओबीसी आरक्षण में बंटवारा नहीं किया। इससे ओबीसी में शामिल कुछ जातियों को ही आरक्षण का फायदा मिलता रहा। अन्य पिछड़ी जातियों को आरक्षण का लाभ न मिलने की बात ओम प्रकाश राजभर ने चिट्ठी में लिखी है।

ओम प्रकाश राजभर ने अपनी चिट्ठी में सवाल उठाया है कि सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट के मुताबिक अन्य विपक्षी पार्टियां आखिर ओबीसी आरक्षण में बंटवारे की बात क्यों नहीं कर रहीं? रोहिणी आयोग और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटियों की रिपोर्ट का भी ओम प्रकाश राजभर ने हवाला दिया है। उन्होंने ये सवाल भी उठाया है कि क्या अन्य दल दूसरी पिछड़ी जातियों को और पिछड़ा करना चाहते हैं? ओम प्रकाश राजभर ने सभी दलों से इस बारे में अपनी राय साफ करने की मांग की है। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर की इस चिट्ठी से जाति आधारित सियासत एक बार फिर गर्माई है।

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